सूरदास का जीवन परिचय रचनाएं, भाव पक्ष कला पक्ष, साहित्य में स्थान
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट इस पोस्ट में हम आपको कवि सूरदास जी का जीवन परिचय बताने वाले हैं इस जीवन परिचय में सूरदास जी की रचनाएं और भाव पक्ष, कला पक्ष और साहित्य में स्थान बताने वाले हैं इस पोस्ट को पूरा ध्यान से पढ़ें
कवि सूरदास जी का जीवन परिचय एमपी बोर्ड क्लास 10th हिंदी पेपर में पूछा गया है तो उसको आप कुछ इस प्रकार से हल कर सकते हैं-
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सूरदास
रचनाएँ - सूर-सागर, सूर सारावली, साहित्य लहरी।
भाव-पक्ष- सूरदास जी की भक्ति सख्य भाव की है। आपने कृष्ण के लोकरंजक रूप का मन भावन चित्रण किया है। बाल चरित्र-चित्रण में सूर बेजोड़ हैं। इस प्रकार वात्सल्य रस से ओतप्रोत सूर के पद किसी भी साहित्य प्रेमी को अपनी ओर आकर्षित किये बिना नहीं रह सकते। सूरदास ने शृंगार वर्णन में भी अपनी प्रतिभा का कुशल परिचय दिया है।
कला-पक्ष- सूरदास का सम्पूर्ण काव्य ब्रज भाषा में है।
आपके काव्य में सर्वत्र कोमलता और सरसता है। सूरदास के काव्य में श्रृंगार और वात्सल्य रस के उदाहरण मिलते हैं । उत्प्रेक्षा, उपमा, रूपक तथा अनुप्रास अलंकारों का प्रयोग हुआ है। शैली की दृष्टि से सूर ने गीतों में पद की शैली को अपनाया है।
साहित्य में स्थान- सूर हिन्दी साहित्य के आकाश में सूर्य
के समान चमकने वाले हैं। आप वात्सल्य रस के सम्राट हैं। सूर सागर आपका सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है।
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