विद्यालय योजना संचालन में नया परिवर्तन

विद्यालय योजना संचालन में नया परिवर्तन

Hello friends आपका स्वागत है हमारी  वेबसाइट studygro.com  पर । दोस्तों आज हम आपको मध्यप्रदेश में विद्यालय योजना संचालन में हुए नए परिवर्तन के बारे में जानकारी देने वाले हैं दोस्तों हाल ही में केंद्र सरकार ने घोषणा की है की मध्य प्रदेश की 90000 स्कूलों के खाते 30 जून से जीरो बैलेंस कर दिए जाएंगे तो दोस्तों पूरी  जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी इस पोस्ट को ध्यान पूर्वक अवश्य पढ़िए तो चलिए जानते हैं क्या रहेगी पूरी प्रक्रिया

Mp में स्कूलों पर वित्तीय संकट

स्कूल के बचत बैंक खाते

सभी स्कूलों के स्कूल के नाम से बैंक में बचत खाते होते हैं विद्यालय प्रबंधक सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए इसी खाते का इस्तेमाल करते हैं। किसी भी योजना को सुचारू रूप देने के लिए केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा इन्हीं खातों में आवश्यक राशि जमा कराई जाती है जिसका इस्तेमाल विद्यालय प्रबंधक अपनी सुविधा अनुसार करते हैं। पूरा होने पर इस कार्य की तथा इसमें लगी वाली राशि की पूरी जानकारी बिल सहित बीआरसी अर्थात विकास स्रोत समन्वयक को दी जाती है।

BRC क्या है?

इसका पूरा नाम विकास स्त्रोत समन्वयक ( block resource center_BRC) है। BRC तहसील स्तर पर संचालित होने वाला संगठन है। जिसके अंतर्गत तहसील स्तर पर विद्यालय प्रबन्धकों की बैठकें की जाती है तथा उनको training भी दी जाती है। इसका अध्यक्ष जनपद शिक्षा अधिकारी होता है ।ये अधिकारी सभी विद्यालय प्रबंधकों से उनके विद्यालय का ब्यौरा लेता है और उसे आगे ज़िला शिक्षा अधिकारी (DEO) को भेजता है।DEO इसे आगे राज्य स्तर पर भेजता है और वहाँ से इस जानकारी को यूनिसेफ तक पहुचती है।यूनिसेफ योजना का संचालन करता है तथा योजना आपूर्ती के लिए आवश्यक राशि  विद्यालयों के बचत खाते में  भेज दी जाती है। परन्तु इस योजना संचालन प्रक्रिया में 1 जुलाई से होगा परिवर्तन  अब तक कि संचालन प्रक्रिया को इस प्रकार समझिए- विद्यालय  -  नोडल एजेंसी( CRC ) - BRCF - DPC  -  स्कूल शिक्षा परिषद  -  EMIS  - M HRD  -  यूनिसेफ
 

इस प्रक्रिया में नया परिवर्तन

अब तक विद्यालयों के निजी बचत खातों में योजना आपूर्ती की राशि भेजी जाती थी लेकिन अब 1 जुलाई से सारे प्रदेश में  एक ही  सिंगल बचत खाता चालू हो जाएगा सभी स्कूलों की जमा राशि इसी खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी।

स्कूलों को अपनी आवश्यकता के लिए इसी खाते से राशि निकालनी होगी जिस काम के लिए राशि निकाली गई है उस काम का बिल बीआरसी को दिखाना होगा वर्तमान में राज्य के 90000 स्कूलों की अलग-अलग खातों में लगभग 100 करोड़ रुपए जमा है।

अब जिला स्तर पर सभी स्कूलों के अधिकारी  1 जुलाई से पहले पहले इस राशि को खर्च करने में लगे है । केंद्र सरकार शिक्षा संबंधी योजनाओं को पूरा करने के लिए राज्य स्तर के स्कूलों के लिए जो फंड उनके खाते में जमा कराती है उसी के संबंध में यह निर्देश जारी किए गए हैं। अब यह राशि अलग-अलग सरकारी स्कूलों के  खाते में जमा ना कर राज्य स्तर के एक ही सिंगल बचत खाते में जमा की जाएगी। 

इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र ने आदेश जारी कर दिया है की 30 जून तक सभी सरकारी स्कूलों के बैंक खाते जीरो बैलेंस कर दिए जाएंगे। इन  खातों की जमा राशि को राज्य स्तर पर बनी सिंगल बचत खाते में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

 ऐसा करने से राज्य सरकार द्वारा योजनाओं पर खर्च होने वाली राशि का पूरा ब्यौरा सीधा केंद्रीय सरकार की निगरानी में होगा। इसका फायदा यह होगा की कोई भी स्कूल या राज्य सरकार इस राशि में से अपनी निजी बचत नहीं कर पाएंगे।

केंद्रीय सरकार के निर्देश के बाद वित्त विभाग ने सभी विभागों की अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव तथा बजट नियंत्रण अधिकारी के रूप में काम करने वाले सभी विभाग अध्यक्षों को इस पर अमल करने के निर्देश दिए हैं।

स्कूलों की बढ़ेगी परेशान 

स्कूलों का खाता जीरो बैलेंस होने से स्कूलों की परेशानी बढ़ेगी क्योंकि अब हर छोटे-मोटे कार्य के लिए स्कूल प्रबंधन को अधिक मशक्कत करनी पड़ेगी पहले अधिकारी को हर कार्य का बिल दिखाना होगा अभी तक स्कूलों के निजी खाते थे जिसे स्कूल प्रबंधन अपनी जरूरत के अनुसार कभी भी इस्तेमाल कर सकते थे, परंतु अब हर कार्य की ब्यौरे की रिपोर्ट विकास स्त्रोत समन्वयक को दिखानी होगीl BRC इस रिपोर्ट को आगे जिला परियोजना समन्वयक ( DPC) को भेजेगाl इसके बाद राज्य शिक्षा केंद्र को भेजी जाएगी वहां से भुगतान होने के बाद ही स्कूल राशि निकाल पाएंगे।

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