Chemistry class 12th important solution unit 3 वैद्युत रसायन
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MP board Chemistry unit - 2 (विलयन) important solution Class 12th
MP board 12th केमिस्ट्री त्रिमासिक पेपर 2021-22 IMP Solution PDF download
Blueprint unit 3 ( वैद्युत रसायन) –
इस यूनिट से आपके प्रश्न पत्र में 3 अंकों का एक प्रश्न आएगा साथ ही 1 वस्तुनिष्ठ प्रश्न आएगा अर्थात यह यूनिट आपको पूरे 4 अंक प्रदान कर सकती है।
ही तैयारी आरम्भ कर दे ऐसा करने से exam के समय में आप पर अधिक दबाब नहीं होगा और आप शांत मन से परीक्षा दे पाएंगे जिसके लिए हम आपको class 12th के सभी विषयों के important solution उपलब्ध कर रहे हैं जिससे आप अपनी तैयारी को बेहतर बना सकते हैं।
Unit - 3वैधुत रसायन
प्रश्न 1. मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड क्या है? यह कैसे बनाया जाता है? सचित्र समझाइए।
अथवा
मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड को पचित्र समझाइए। (अभिक्रियाओं सहित)
उत्तर- मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड एक ऐसा अक्सर होता है जिसका उपयोग एक संघर्षशील के रूप में होता है इसका दिमाग 25 डिग्री सेल्सियस ताप पर शून्य मारा गया है अन्य इलेक्ट्रो का मानक विभाग इसके सापेक्ष मान मापा जाता है मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड में प्लैटिनम की प्लेट पर अधिसूचित हो जाता है तथा शेष अंश प्लेट के नीचे बने छिद्रों से बाहर निकल जाता है कुछ ही देर में अधीशोषित हाइड्रोजन तथा बिलियन में उपस्थित हाइड्रोजन आइनों के मध्य एक साम्य में स्थापित हो जाता है यही मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड एस एच इ है ऐसे ही किसी सेल में एनोड या कैथोड का कार्य करता है यदि किसी सेल में एनोड की तरह कार्य करता है तो यह ऑक्सीकरण अभिक्रिया होगी।
H2(g) ⇌ 2H^ + 2e
यदि यह कैथोड की तरह कार्य करता है तब निम्न अभिक्रिया होगी।
2H (aq) + 2e ⇌ H2(g)
प्रश्न 2. विद्युत् अपघटन की क्रिया क्या है ? दो उदाहरणों की सहायता से स्पष्ट करो। इसके चार अनुप्रयोग लिखिए।
उत्तर-विद्युत् धारा प्रवाहित करने पर किसी विद्युत् अपघट्य (electrolyte) के अपघटन (रासायनिक परिवर्तन) को क्रिया को विद्युत् अपघटन (electrolysis) कहते हैं। विद्युत् अपघटन की क्रिया विद्युत् अपघटनी सेल (electrolytic cell) में की जाती है। विद्युत् अपघट्य के जलीय विलयन को या उसे पिघली हुई अवस्था में एक पात्र में लेकर उसमें किसी उपयुक्त धातु की दो छड़ें या प्लेटें डुबो देते हैं और उन छड़ों का सम्बन्ध एक बैटरी से कर देते हैं। इन प्लेटों या छड़ों को इलेक्ट्रोड कहते हैं। विद्युत् धारा प्रवाहित करने पर, कैटायन कैथोड पर और ऐनायन ऐनोड पर जाकर पहले विद्युत् अनावेशित होता है और फिर एकत्रित हो जाता है। उदाहरणार्थ, पिघले हुए लैड ब्रोमाइड में विद्युत् प्रवाहित करने पर कैथोड पर लैंड एकत्रित होता है और ऐनोड पर ब्रोमोन की भूरे रंग की वाष्प निकलती है
PbCl2 ⇌ Pb^2 +2Cl- (आयनन)
कैथोड पर : (अपचयन)Pb2*(l) +2e- ⟶ Pb(l)
ऐनोड पर : (ऑक्सीकरण) 2Br- (l)→ Br2(g) + 2e-
यदि इलेक्ट्रोडों पर एक से अधिक क्रियाफलों के बनने की सम्भावना होती है तब इलेक्ट्रोडों पर आयनों के विसर्जन में प्रतिस्पर्धा होती है। ऐसी अवस्था में क्रियाफलों का बनना क्रिया के इलेक्ट्रोड विभव पर निर्भर करता है। कैथोड पर वह अपचयन क्रिया सबसे पहले होगी जिसका अपचयन विभव सबसे अधिक होगा। इसी प्रकार, ऐनोड पर वह ऑक्सीकरण क्रिया सबसे पहले होगी अर्थात् वह आयन पहले विसर्जित होगा जिसका ऑक्सीकरण विभव सबसे अधिक या अपचयन विभव सबसे कम होगा।
विद्युत् अपघटन के अनुप्रयोग-
(1) इलेक्ट्रोप्लेटिंग में, (ii) धातु शोधन में, (iii) तुल्यांकी भार निर्धारण में, (iv) आवोगाद्रो संख्या ज्ञात करने में।
प्रश्न 3. इलेक्ट्रोड विभव से आप क्या समझते हो ? यह सान्द्रता और ताप पर किस प्रकार निर्भर करता है?
उत्तर-इलेक्ट्रोड विभव-जब किसी धातु की छड़ को उसके किसी आयन के विलयन (लवाण विलयन) में डुबोया जाता है, तो धातु की छड़ विलयन के सापेक्ष धनावेशित या ऋणावेशित हो जाती है, जिसके फलस्वरूप धातु और विलयन के मध्य विभवान्तर उत्पन्न हो जाता है। इस विभवान्तर को इलेक्ट्रोड विभव कहते हैं। उदाहरणार्थ-जिंक की छड़ को जिंक सल्फेट के विलयन में रखने पर जिंक छड़, विलयन के सापेक्ष ऋणावेशित हो जाती है जिसके फलस्वरूप जिंक धातु और जिंक आयनों के मध्य विभवान्तर उत्पन्न हो जाता है, जिसे जिंक का इलेक्ट्रोड विभव कहते हैं। इसे जिंक का ऑक्सीकरण विभव भी कहते हैं, क्योंकि इस क्रिय में ऑक्सीकरण हो रहा है।
Zn=Zn^2 +2e -
इसी प्रकार, जब कॉपर की छड़ को कॉपर सल्फेट के विलयन के सम्पर्क में रखा जाता है, तब कॉपर को छड़ कॉपर सल्फेट आयनों (Cuso4) के सापेक्ष धनावेशित हो जाती है। इस अवस्था में भी विभवान्तर उत्पन्न होता है, जिसे कॉपर का इलेक्ट्रोड विभव कहते हैं।
Cu^++ + 2e→ Cu+ धनावेशित कॉपर छड़
(विलयन में से) (कॉपर छड़ में से)
चूँकि इस क्रिया में Cu2+ आयन का अपचयन हो रहा है इसलिए इसे अपचयन विभव भी कहते हैं। ये दोनों ही प्रकार के विभव इलेक्ट्रोड विभव कहलाते हैं। किसी धातु का इलेक्ट्रोड विभव, धातु की प्रकृति तथा विलयन में उपस्थित उस धातु के आयनों की सान्द्रता और ताप पर निर्भर करता है। नर्स्ट (Nernst) के अनुसार, किसी ताप T पर धातु के इलेक्ट्रोड विधि और धातु आयन की सांद्रता ने निम्नलिखित संबंध होता है इस समीकरण को नर्नस्ट समीकरण कहते हैं।
2.303RT E = E० + ――――― log [M^n+] ……(1) nF
समीकरण (1) का सरलीकरण करने पर 25 डिग्री सेल्सियस पर इसको इस प्रकार से लिखा जा सकता है।
0.0591 E = E० + ―――――― log [M^n+] n
प्रश्न 4. फैराडे के विद्युत् अपघटन के नियम लिखिए। उनके अनुप्रयोगों का संक्षेप में कर कीजिए।
अथवा
फैराडे के विद्युत् अपघटन का प्रथम नियम समझाइए।
उत्तर-फैराडे के विद्युत् अपघटन के नियम-फैराडे ने विद्युत् अपघटन के मात्रात्मक ज्ञान सम्बन्धी निम्नलिखित दो नियम प्रतिपादित किये-
(1) पहला नियम-किसी विद्युत अपघट्य के विद्युत् अपघटन के फलस्वरूप प्रत्येक इलेक्ट्रोड पर होने वाले पदार्थ की मात्रा, विलयन में से प्रवाहित होने वाली विद्युत् धारा के समानुपाती होती है।
अतः W ∞ Q
W = zIt
जहाँ, W = पदार्थ या आयन की मात्रा, I - विद्युत् धारा की शक्ति (ऐम्पियर में), t= समय (सेकण्ड में( ।- अनुक्रमानुपाती स्थिरांक है, जिसे विद्युत् रासायनिक तुल्यांक कहते हैं।
(2) दूसरा नियम-जब एक ही शक्ति को विद्युत् धारा एक ही समय तक विभिन्न लवणों के विलयन । से प्रवाहित की जाती है, तो विभिन्न इलेक्ट्रोडौं पर मुक्त होने वाले पदार्थों की मात्राएँ अपने-अपने तुल्यांकी के अनुपात में होती हैं, अत:
इलेक्ट्रोड पर मुक्त A धातु का द्रव्यमान A का तुल्यांकी भार ―――――――――――――= ――――――― इलेक्ट्रोड पर B मुक्त धातु का द्रव्यमान B का तुल्यांकी भार W1 E1
―― = ――
W2 E2
W1 Z1It E1
―― = ―― = ――
W2 Z2It E2
अनुप्रयोग-(1) उपरोक्त सम्बन्ध का उपयोग करते हुए किसी तत्व या मूलक का तुल्यांकी भार ज्ञान किया जा सकता है।
(2) इन नियमों के आधार पर यह निष्कर्ष निकलता है कि किसी विद्युत् अपघट्य के विलयन में से 96500 कूलॉम या 1 फैराडे विद्युत् मात्रा प्रवाहित करने पर इलेक्ट्रोड पर मुक्त हुए पदार्थ की मात्रा, उसके ग्राम तुल्यांकी भार के बराबर होती है
(3) इस नियम के उपयोग से किसी पदार्थ के विद्युत् रासायनिक तुल्यांक (z) की गणना निम्न समीकरण की सहायता से की जा सकती है- M z = ―― nf
जहाँ, M पदार्थ का मोलर द्रव्यमान तथा पदार्थ द्वारा ग्रहण किये गये अथवा त्यागे गये इलेक्ट्रॉनों का संख्या तथा F फैराडे है।
प्रश्न 5. विद्युत अपघटनी चालन को प्रभावित करने वाले कारक लिखिए।
उत्तर विद्युत अपघटनी चालन को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं-
(1) अंतर आयनिक आकर्षण - अंतर आयनिक आकर्षण में यदि आयनो के मध्य अन्योन्य क्रियाएं अधिक होती हैं तो इनकी चालकता कम हो जाती है।
(2) आयनो का विलायकीकरण - यदि विलय के आयन विलायक के अनु के साथ अन्य अन्य क्रियाएं करते हैं तो उनकी चालकता कम हो जाती है।
(3) तापमान- ताप वृद्धि से आयनो की गतिज ऊर्जा में वृद्धि होती है इस कारण चालकता में भी वृद्धि होती है ।
(4) श्यानता- किसी विलियन की श्यानता अधिक होने पर आयनो की चालकता का मान कम हो जाता है।
प्रश्न 6. ओम का नियम देते हुए विशिष्ट प्रतिरोध एवं विशिष्ट चालकता में संबंध स्थापित कीजिए।
प्रश्न 7. सेल स्थिरांक किसे कहते हैं? विशिष्ट चालकता व सेल स्थिरांक के बीच क्या संबंध होता है?
प्रश्न 8. कॉलरोस का नियम तथा अनुप्रयोग लिखिए
प्रश्न 9. सेल की विद्युत वाहक बल से क्या समझती हो यह सांद्रण माता पर किस प्रकार निर्भर करता है
प्रश्न 10. सेल के विद्युत वाहक बल( E.M.F.) तथा विभवान्तर में अंतर स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न 11.नर्नष्ट समीकरण क्या है? इसका महत्व तथा साम्य स्थिरांक से इसका संबंध बताइए।
प्रश्न12. एक साधारण शुष्क सेल की सचित्र व्याख्या करो। इसके क्या दोष है?
Note- प्रश्न 6 से 12 तक के पश्नो के उत्तर pdf में उपलब्ध हैं
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