MP board Class 11th हिंदी मासिक टेस्ट full solution 2021
Hindi masik test - एमपी बोर्ड भोपाल द्वारा कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक के छात्रों के मासिक टेस्ट लिए जायेंगे। यह मासिक टेस्ट प्रत्येक माह के अंतिम सप्ताह में लिए जाएंगे दोस्तों यदि आप एमपी बोर्ड के कक्षा ग्यारहवीं के अगस्त माह के मासिक टेस्ट का मासिक सोलुशन गूगल पर सर्च कर रहे हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आ गए हैं क्योंकि हम आपको यहां कक्षा 11th के अगस्त माह का हिंदी विषय का पूर्ण solution प्रदान करने वाले हैं।
Class 11th हिन्दी मासिक टेस्ट full solution (अगस्त-2021)-
हम आपको यहां कक्षा 11वी के हिंदी विषय के सभी प्रश्नों के उत्तर उपलब्ध करा रहे हैं जिनकी मदद से आप आसानी से अपना टेस्ट दे सकते हैं।
प्रश्न 1 सही विकल्प चुनिए-
(क) नमक के बोरों में भरे गाड़ियां किसकी थी?
उत्तर - (i) प.अलोपीदीन
(ख) कबीर ने ईश्वर की सत्ता मानी है -
उत्तर - (i) एक
प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) कबीर भक्ति काल की................... धारा के कवि हैं।
उत्तर- ज्ञानाश्रयी निर्गुण भक्ति
(ख) दुनिया सोती थी पर दुनिया की................ जगती थी
उत्तर- जीभ
प्रश्न 3 सत्य असत्य लिखिये-
(क) धर्म के धन को पैरों तले कुचल डाला - सत्य
(ख) आडंबर रचाने वालों को ईश्वर के वास्तविक स्वरूप के दर्शन नहीं होते- सत्य
प्रश्न 4 एक वाक्य में उत्तर लिखिये-
(क) बंसीधर ने किससे बैर मोल लिया था?
उत्तर- वंशीधर ने धन से बैर मोल लिया था।
(ख) मानव शरीर का निर्माण किन पंच तत्वों से हुआ है?
उत्तर- मानव शरीर का निर्माण पृथ्वी ,जल ,अग्नि , वायु और आकाश पंच तत्वों से हुआ है
प्रश्न 3. कबीर ने अपने को दीवाना क्यों कहा है?
उत्तर- कबीर दास ने स्वयं को दीवाना इसलिए कहा है क्योंकि उन्होंने ईश्वर की सच्चे स्वरूप को साक्षात्कार कर लिया हैं वह इस संसार की मोह- माया को छोड़कर ईश्वर की भक्ति में लीन हो गए है ईश्वर की इस सच्ची और अनन्य भक्ति में वह पागल से हो गए है। वह निर्भय होकर दीवानो की तरह अपने ईश्वर की भक्ति में लीन रहते हैं।
प्रश्न 4. नमक का दरोगा कहानी का कौन- सा पात्र आपको सर्वाधिक प्रभावित करता है और क्यो?
उत्तर- प्रेमचंद द्वारा रचित "नमक का दरोगा "कहानी का मुख्य पात्र बंशीधर हमें बहुत प्रभावित करता है और उनके प्रभावित करने का सबसे बड़ा कारण उनका चरित्र है बंशीधर बहुत ही सत्यवादी ,ईमानदारी कर्तव्य परायण और पिता के आज्ञाकारी पुत्र हैं। बंशीधर की ईमानदारी का प्रमाण उनकी यह बात देती है कि जब नौकरी पर जाते समय उनके पिता उन्हें रिश्वत लेने की सीख देते हैं परंतु इसके बाद भी वह किसी से रिश्वत नहीं लेते और सच्चाई की राह को अपनाते हैं। मुकदमा हारने पर पछतावा नहीं करते । पंडित अलोपीदीन जब उनको नौकरी देने के लिए आते हैं तब वह उनका स्वागत बहुत ही स्वाभिमान के साथ करता हैं और नौकरी के चले जाने के बाद भी वह पछतावा नहीं करते। बंसीधर बहुत ही स्वाभिमानी व्यक्ति हैं और उनकी इन्हीं गुणों से प्रभावित होकर अलोपीदीन उन्हें अपने व्यापार में स्थाई मैनेजर की पोस्ट पर नौकरी देते हैं ।बंशीधर की चरित्र की यही विशेषताएं हमें बहुत प्रभावित करती हैं।
प्रश्न 5. निम्नलिखित पद्यांश की संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या लिखिए-
"संतो देखत जग ................................... उनमे कछु नहीं ज्ञाना।।"
उत्तर-
संदर्भ- प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक 'आरोही' के पाठ 'कबीर के पद' से अवतरित है। इसके रचयिता 'कबीर दास' है
प्रसंग- प्रस्तुत पद्यांश में कबीर दास ने समाज में धर्म अथवा मजहब के नाम पर धर्मगरुओं द्वारा किए जाने वाले आडंबर और पाखंड के ऊपर व्यंग करते हुए तीक्ष्ण प्रहार किया है।
व्याख्या - कबीरदास जी कहते हैं कि हे सज्जनों सारा जग पागल हो गया है यदि इस जग में सत्य बात कहो तो यह मारने को दौड़ता है और असत्य बात पर विश्वास करता है समाज में आडंबर और पाखंड फैलाने वाले धर्म गुरुओं पर कटाक्ष करते हुए कबीर दास जी आग कहते हैं कि उन्होंने ऐसे लोग देखे हैं जो नियम धर्म का पालन करते हैं। प्रात काल उठकर स्नान करते हैं। स्वंय के अंदर छिपे ईश्वर तत्व को नकारते हुए पत्थरों की पूजा करते हैं। वास्तव में उन्हें कुछ भी ज्ञान नहीं है सब दिखावा है, बाहरी आडंबर है ।
प्रश्न 6. कबीर दास का जीवन परिचय निम्न बिंदुओं के आधार पर लिखिए-
(क) दो रचनाएं (ख) भाव पक्ष कला पक्ष (ग) साहित्य में स्थान
उत्तर- कबीर दास
(क) दो रचनाएं -
- सबद
- साखी
(ख) भाव पक्ष कला पक्ष - कबीर के काव्य में आत्मा और परमात्मा के संबंधों की स्पष्ट व्याख्या मिलती है कबीर ने अपने काव्य में परमात्मा को प्रियतम एवं आत्मा को प्रियसी के रूप में चित्रित किया है उनके काव्य में विरह की पीड़ा है। कबीर ने कहीं-कहीं अनूठे रूपको द्वारा अपने गुण भावों को अभिव्यक्ति प्रदान की है कबीर के काव्य में चमत्कार के दर्शन होते हैं कविता उनके लिए साध्य ना होकर साधन मात्र थी । उनकी रचनाओं में साहित्यिक सौंदर्य, कहीं-कहीं छंद गठन तथा अलंकार विधान के सौष्ठव अभाव भी मिलता है। उनके काव्य में अनायास ही मौलिक एवं सार्थक प्रतीकों अन्योक्ति एवं रूपको का सफल प्रयोग मिलता है ।
(ग) साहित्य में स्थान - हिंदी साहित्य में स्वर्ण युग माने जाने जाने वाली भक्ति काल के महान कवि कबीर उच्च स्थान के अधिकारी हैं। आप रचनाकारों के आदर्श रहे हैं। यह हिंदी साहित्य आपकी योगदान के लिए सदैव आपका आभारी रहेगा।
Class 11th Maths मासिक टेस्ट Full Solution PDF Download
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