तुलसीदास का जीवन परिचय | tulsidas ka jivan parichay

तुलसीदास का जीवन परिचय | tulsidas ka jivan parichay

स्वागत है आपका studygro वेबसाइट पर तो दोस्तों इस पोस्ट में हम आपको तुलसीदास का जीवन परिचय के बारे में बताने वाले हैं तुलसीदास का जीवन परिचय निम्न बिंदुओं पर होगा-
  • तुलसीदास का जीवन परिचय 
  • तुलसीदास की रचनाएं
  • तुलसीदास का भाव पक्ष
  • तुलसीदास का कला पक्ष
  • तुलसीदास का साहित्य में स्थान
इन सभी बिंदुओं पर आपको हम महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय को लेकर वर्णन करने वाले जो परीक्षाओं मैं भी बार-बार पूछा जाता है तो इसलिए आपको तुलसीदास के जीवन परिचय को याद करना चाहिए तो चलिए जान लेते हैं तुलसीदास के जीवन परिचय के बारे में।
तुलसीदास का जीवन परिचय | tulsidas ka jivan parichay

तुलसीदास का जीवन परिचय | tulsidas ka jivan parichay

-: तुलसीदास :-

जीवन परिचय:- गोस्वामी तुलसीदास का जन्म संवत् 1589 (सन् 1532) में उत्तरप्रदेश के राजापुर नामक ग्राम, जिला - बाँदा में हुआ। आपके पिता का नाम आत्माराम दुबे और माता का नाम हुलसीबाई था। मूल नक्षत्र में जन्म लेने के कारण आपके माता-पिता ने आपका परित्याग कर दिया था। फलस्वरूप एक दासी ने आपका पालन-पोषण किया। जनश्रुति के अनुसार आपकी पत्नी के उपालम्भ से आप संसार के विरक्त होकर भगवान राम की भक्ति में लीन हो गए। काशी में रहकर रामचरित मानस को सम्पूर्ण किया। संवत् 1680 (सन् 1623) में काशी के गंगा के तट पर आपका निधन हो गया।

रचनाएँ :-

  • श्री रामचरित मानस,
  • दोहावली, 
  • कवितावली,
  • गीतावली, 
  • वैराग्य संदीपनी, 
  • बरबै रामायण, 
  • पार्वती मंगल, 
  • विनय- पत्रिका आदि।

भाव-पक्ष:- भक्ति को ईश्वर-प्राप्ति का साधन मानने वाले

कविवर तुलसीदास तत्कालीन समाज में भक्त कवि के साथ-साथ समाज सुधारक भी माने गये। इसके लिए उन्होंने काव्य शास्त्र को माध्यम बनाकर हिन्दी साहित्य को श्रेष्ठ रचनाएँ प्रदान की।

कला-पक्ष:- आपकी भाषा संस्कृतनिष्ठ है। भाषा में अवधि एवं ब्रज भाषा के शब्दों के साथ-साथ कहीं-कहीं अरबी, फारसी, बंगाली, पंजाबी भाषा की लोकोक्तियों का प्रयोग भी मिलता है। मुख्य रूप से अवधी का प्रयोग हुआ है।

साहित्य में स्थान:- हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ कवि के रूप में आपसु विख्यात हैं। आपकी हिन्दी साहित्य को अनूठी देन युग-युग तक अमर रहेगी।

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